Computer Virus Kya Hai

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Computer Virus Kya Hai ? 

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कंप्यूटर मैं कार्य करते समय वायरस क्यों आता है

तथा कंप्यूटर वायरस किसे कहते हैं हम अपने कंप्यूटर को वायरस से कैसे बचा सकते है

इन सभी जानकारीयों के लिए आप हमारा ये लेख अवस्य पढ़ें !

कंप्यूटर वायरस क्या है ?

कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का प्रोग्राम होता है

जो यूजर की अनुमति के बिना यूजर के कंप्यूटर में आकर उसके सॉफ्टवेयर और डाटा को अत्यधिक नुकसान पहुंचाता है

यूजर को उस दौरान पता भी नहीं चल पाता लेकिन कुछ समय बाद जब इसका पता चलता है

तो उस समय तक यह हमारे DATA को बेहद नुकसान पहुंचा चुका होता है

इसलिए इसको कंप्यूटर वायरस कहा जाता है

इस वायरस कि ये खासियत होती है कि यह एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में बहुत तेजी के साथ फैल सकता है

जब हम अपने किसी संक्रमित ड्राइव को अपने कंप्यूटर से कनेक्ट या किसी एक्सटर्नल ड्राइव

के माध्यम से वायरस हमारे सिस्टम पर वार कर सकता है

कंप्यूटर वायरस कभी भी कंप्यूटर हार्डवेयर और कंप्यूटर के आंतरिक पार्ट को नुकसान नहीं पहुंचाता

यह कंप्यूटर में स्थित सॉफ्टवेयर, विंडो और हमारे डाटा पर ही प्रहार करता है

जिससे हमारा डाटा तुरंत ही लॉस्ट हो जाता है जिससे हमें लाखों का नुकसान हो सकता हैं !

दोस्तों ये तो आप जानते ही होंगे

कि कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर के लिए एक बीमारी के रूप में कार्य करते हैं

ये हमारे कंप्यूटर को आंतरिक रूप से बहुत क्षति पहुंचाते हैं

इस प्रकार के वाएरस एक बार सिस्टम के अंदर पहुंचने के बाद फिर बाहर नहीं निकल सकते !

ये अंदर से हमारे DATA को LOST कर डालते हैं वायरस जितना खतरनाक मानव के लिए होता है

उतना ही खतरनाक हमारे कंप्यूटर के लिए भी होता है

इससे बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने कंप्यूटर में Anti Virus Purchase करके इंस्टॉल करते हैं

लेकिन आज बढती टेक्नोलॉजी के युग में एंटीवायरस इंस्टॉल करने के बाद भी हम यह SURE नहीं कह सकते

कि हमारा कंप्यूटर पूर्ण रूप से सुरक्षित है इसलिए हम आपको यह सलाह देना चाहते हैं

कि आप एंटीवायरस इंस्टॉल करते वक्त पूर्ण रूप से यह जांच लें कि एंटीवायरस हमारे कम्प्यूटर के लिए उपयोगी है या नहीं !

वायरस कितने प्रकार के होते है ?

कंप्यूटर वायरस एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है

जिसको मुख्य रूप से कंप्यूटर को क्षति पहुंचाने के लिए ही बनाया जाता है

यह कंप्यूटर प्रोग्राम फाइलों में बदलाव करके अपना कोड सिस्टम प्रोग्राम में डालकर खुद को एक्टिव कर लेता है

फिर इसके सफल होने के बाद यह कंप्यूटर को आंतरिक रूप से अत्यधिक मात्रा में संक्रमित कर देता है

जिससे कंप्यूटर Owner को इसका पता भी नहीं चल पाता

देखा जाए तो आप लोग भी कंप्यूटर वायरस को बना सकते हैं

इसके लिए आपको कोडिंग लैंग्वेज की जानकारी होनी अति आवश्यक है

यह कोडिंग और स्क्रिप्ट लैंग्वेज के द्वारा बनाया जाता है

इसको बनाने के पश्चात आप इस वायरस को किसी भी कंप्यूटर में डालकर उस कंप्यूटर को क्षति पहुंचा सकते हैं

लेकिन यह कार्य करना उचित नहीं है क्योंकि यह वायरस जिसके भी कंप्यूटर में पहुंच जाते हैं

उसका कंप्यूटर इन फैक्ट हो जाता है तथा डाटा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है

कंप्यूटर वायरस मुख्यतः कई प्रकार के होते हैं जो निम्न प्रकार है

Malware

मैलवेयर और वायरस दोनों अलग-अलग प्रकार हैं

इस तरह के वायरस का प्रयोग अधिकांश हैकर कंप्यूटर पर चोरी करने, कंप्यूटर से गोपनीय जानकारी

जुटाने और यूजर के डाटा को क्षति पहुंचाने के लिए करते है

कुछ मेलवेयर ईमेल के द्वारा भी हमारे सिस्टम पर सेंध लगा सकते हैं

इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि किसी भी अनवांटेड ईमेल को आप अपने कंप्यूटर पर रिसीव/क्लिक ना करें !

क्लिक करने के बाद वह तुरंत ही आपके कंप्यूटर में एक्टिवेट होने लगता है

जो आपके कीमती डाटा पर वार करके आपके DATA को क्षति पहुंचा सकता है

ज्यादातर मैलवेयर प्रोग्राम नेट सर्फिंग के लिए प्रयोग किए जाते हैं

क्योंकि इंटरनेट पर आजकल बहुत अधिक मात्रा में USER मिलते हैं इसके अलावा

कई प्रोग्रामिंग लॉगर्स, ट्रोजन हॉर्स और वर्मस जैसे वायरस भी इंटरनेट पर पाए जाते हैं !

मैलवेयर वायरस के लक्षण व जांच कैसे करे

इस प्रकार के मैलवेयर की जांच के लिए सबसे पहले आपको ये धयान देना होगा

कि आपके सिसटम कि स्क्रीन पर पॉपअप विंडो अपने आप ओपन तो नहीं हो रही है

अगर आपके ब्राउज़र पर पॉपअप विंडो अपने आप ही खुल रही है

तो समझ लीजिये कि आपके कम्प्यूटर सिस्टम में वायरस का अटैक हो चूका है !

कुछ टूल बार आकके ब्राउजर पर अपने आप दिखने लगेंगे जो Search आपने नहीं की है

वे भी आपको गूगल पर दिखाई देंगे और आपको कंप्यूटर हैंग होने की समस्या दिखाई देगी

जिससे आपको समझ जाना चाहिए कि यही मैलवेयर वायरस का अटैक है !

मैलवेयर वायरस को हटाने के लिए कंप्यूटर

में सबसे पहले हमें एंटी स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करना चाहिए

उसके बाद हमें पूरा सिस्टम स्कैन रनिंग पर लगा देना चाहिए

जिससे एंटी स्पाइवेयर प्रोग्राम हमारे कंप्यूटर के अंदर उपस्थित मैलवेयर को निकालने में हमारी सहायता करेगा !

आप इंटरनेट पर जो भी मैलवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करेंगे

वह आटोमेटिक अपडेट सॉफ्टवेयर होना चाहिए ना कि पुराना सॉफ्टवेयर हो !

सॉफ्टवेयर अगर अपडेट होगा तो वह आपके कंप्यूटर में मैलवेयर को पकड़ने में अधिक सक्षम होगा !

मैलवेयर वायरस से बचाव

मैलवेयर वायरस से बचाव हेतु सुरक्षित ब्राउज़िंग सबसे अच्छा तरीका है

आप अपने गूगल क्रोम वेब ब्राउजर में जाकर फिशिंग और मैलवेयर पहचान को सक्षम करने वाली

सुरक्षित ब्राउज़िंग ऑप्शन को ON करके इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं

ब्राउज़र के सिक्यूरिटी को ऑन करने पर ब्राउज़र उन वेबसाइटों के बारे में जानकारी एकत्रित कर लेता है

जिनमें मैलवेयर अटैक की संभावना रहती है या जो इस तरह के व्यवहार से सेलेक्ट होते हैं

इसलिए ब्राउज़र में कुछ URL को अंडरलाइन कर दिया जाता है जिससे आप सचेत हो सकते हैं !

एंटीवायरस का इस्तेमाल

दोस्तों आज के कंप्यूटर युग में इंटरनेट पर कई प्रकार के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं

जो हमारे मैलवेयर और वायरस को क्लीन करने का कार्य करते हैं

इसमें कुछ प्रमुख कंपनी के सॉफ्टवेयर ऐसे हैं जिनका हम नीचे नाम बता रहे हैं

Awast, E-set Internet Security, Kaspersky, Quick Heal आदि एंटीवायरस प्रमुख है !

आप इन में से किसी एक एंटीवायरस को अपने पर्सनल कंप्यूटर में इंस्टाल करके अपने सिस्टम को फ्री होने से बचा सकते हैं

अगर यह एंटीवायरस आपको मार्केट में नहीं प्राप्त हो रहे हैं

तो आप इन एंटीवायरस को इनकी अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी डाउनलोड कर सकते हैं

जहां से यह फ्री वर्जन में आपको उपलब्ध हो जाएंगे \

ये एंटीवायरस हमारे  कंप्यूटर और इंटरनेट के मध्य कनेक्शन पर नजर रखते हैं

और किसी भी तरह की गलत एक्टिविटी से हमारे सिस्टम को बचाते हैं

Awast Internet Security एक अच्छा फॉयरवॉल है

यह फायरवॉल इंटरनेट से आटोमेटिक वॉइस स्पाइवेयर डाउनलोड होने से बचाता है

और आपकी इम्पोर्टेन्ट इंफॉर्मेशन को इंटरनेट पर अपलोड होने से रोकता है

सुरक्षा के लिहाज से यह बहुत आवश्यक है !

दोस्तों सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियां अपने यूजर्स के लिए कुछ दिनों के बाद नया अपडेट जारी करते रहते हैं

जिन्हें तो आपको चाहिए कि हम उस अपडेट को अपने सिस्टम में अपडेट कर सकें

जिससे उसकी स्पाइवेयर सर्च की फैसिलिटी और अधिक बढ़ जाएगी

पेन ड्राइव या एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव से सावधानियां

दोस्तों कंप्यूटर वायरस से बचने का यह भी एक मुख्य उपाए है

कि आप अपने पर्सनल कंप्यूटर पर किसी भी बाहरी पेन ड्राइव या हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल ना करें

अगर आप ऐसा करते हैं तो बाहरी ड्राइव में उपस्थित वायरस आपके सिस्टम में कनेक्ट होते ही डाटा को क्षति पहुंचा सकते हैं

अगर आपके सिस्टम में एंटीवायरस इंस्टॉल है तो आप पेनड्राइव का इस्तेमाल कर सकते हैं

इस्तेमाल करने से पहले आपको चाहिए

कि आप पहले पेनड्राइव को अपने एंटीवायरस से स्कैन करें उसके बाद आप उसको यूज करें

कम्प्यूटर्स में ज्यादा वायरस इन्हीं की वजह से फैलते हैं

पेनड्राइव को साइबर कैफे में इस्तेमाल करते समय हम लोगों को सावधान रहना चाहिए

कि वहां से आपकी पेन ड्राइव में कोई वायरस तो नहीं आ गया है !

ईमेल अटेचमेंट व डाउनलोड्स

दोस्तों अगर आपके ईमेल इनबॉक्स में किसी भी प्रकार के अनजाने ईमेल एड्रेस से कोई ईमेल आता है

तो आप उस अटैचमेंट पर क्लिक ना करें ऐसा करने से आप उस अटेचमेंट कि वेबसाइट पर रिडायरेक्ट हो जाएंगे

जहां पर वह मालवेयर उपलब्ध होते हैं उस पर रीडायरेक्ट होते ही वे इमेल के द्वारा आपके सिस्टम में प्रवेश कर जाएंगे

इसलिए आपको किसी भी ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना है

जिस पर आप को क्षति का आभास हो अगर आपको लिंक ओपन करना ही है

तो आप उस लिंक पर राइट क्लिक करके कॉपी शॉर्टकट करें फिर आप नोटपैड ओपन करें नोटपैड में जाकर

आप उस लिंक को वहां पेस्ट कर दें पेस्ट करने के बाद आप वहां देखेंगे कि इस वेबसाइट का Sure एड्रेस क्या है

उस एड्रेस को आप अपने ब्राउज़र में ओपन कर सकते हैं

इससे ज्यादा अगर उसमें कुछ और फॉर्मेट होती है

तो उसको वहां से हटा दीजिए सिर्फ आपको उस वेबसाइट का एड्रेस ही ओपन करना है

जिससे आपको उस वेबसाइट के लिंक के बारे में पता चल जाएगा

इसी तरह आप इंटरनेट से किसी भी प्रकार के सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले अपने एंटीवायरस से स्कैन जरूर कर लें

दोस्तों आजकल देखा गया है कि कुछ हैकर्स ईमेल के माध्यम से भी यूजर्स के कंप्यूटर पर सेंध लगाने का कार्य कर रहे हैं

जिससे यह वायरस हमारे कंप्यूटर में आ जाते हैं

आपको इनसे काफी सावधान रहना होगा आप इस तरह के किसी ईमेल एड्रेस पर क्लिक ना करें !

एंटी वायरस स्कैनिंग और सेफ मोड

दोस्तों आपको अपने पर्सनल कंप्यूटर को ऑन करते समय Bios पर F8 बटन दबाना होगा !

इससे आपका सिस्टम सेफ मोड में ऑन हो जाएगा इसे सिलेक्ट करके आप सेफ मोड में अपने सिस्टम पर कार्य कर सकते हैं

सेफ मोड में कार्य करने का आपको यह फायदा होगा कि आप सेव मोड में आने के बाद अपने सिस्टम को एंटीवायरस स्कैन पर लगाएंगे

तो जो वायरस पहले से आपके सिस्टम में छिपे पड़े हैं वह भी पकड़ में आ जाएंगे !

इसके पश्चात आप अपने पर्सनल कंप्यूटर को रीस्टार्ट करके सामान्य मोड में RUN कर सकते हैं

इंटरनेट ब्राउजिंग करते समय विभिन्न पॉपअप्स पर क्लिक करने से बचना चाहिए

साथ ही आपको डिफॉल्ट यूजर को एडमिनिस्ट्रेटर की बजाय यूजर के तौर पर ही कार्य की इजाजत देनी चाहिए

आपको कंप्यूटर पर काम करते समय वायरस से पूरी तरह सावधान रहना चाहिए

आपको पता होना चाहिए कि किस वेबसाइट पर आपको सर्फिंग करनी है

और किस वेबसाइट पर आपको सर्फिंग नहीं करनी है अधिकांश लिंक पर हमे क्लिक करने से बचना चाहिए

ऐसे लिंक से वायरस आने का खतरा अधिक बना रहता है

Spyware क्या है

दोस्तों स्पाइवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो इंटरनेट के द्वारा हमारे सिस्टम में ऑटोमेटिक इंस्टॉल हो जाता है

इंस्टॉल होने के बाद यह हमारे कंप्यूटर से निजी जानकारियों को सॉफ्टवेयर Owner के पास भेजता है

या यूं कहें कि यह हमारी पर्सनल सूचनाएं चुरा लेता है

कुछ जानकारियों के मुताबिक पहला स्पाइवेयर खेल खेल में बनाया गया था

जो अक्टूबर 1995 के आसपास इंटरनेट पर देखा गया

इसने सबसे ज्यादा Internet Explorer और Microsoft Windows सिस्टम पर अटैक किया

जिसके कारण कई लाख लोगों का डाटा LOST हो गया था

इसके कारण विंडोज के कुछ पार्ट्स और फंक्शन काम करना बंद हो गए थे

ऐसे सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम स्पाइवेयर कहलाते हैं

ये कितने प्रकार के होते हैं वे निम्न प्रकार है

Adware

एडवेयर एक एसा प्रोग्राम है जो उयोगकर्ता के इंटरफ़ेस में ऑनलाइन विज्ञापन उत्पन्न करके डेवलपर के लिए राजस्व प्रदान करता है

इसलिए एडवेयर एक विज्ञापन समर्थित सॉफ्टवेयर कहलाता है

एडवेयर अपने Owner को लाभ कमाने की अनुमति देता है

यह विज्ञापन प्रदर्शित करके या उपयोगकर्ता द्वारा विज्ञापन पर क्लिक करने से उत्पन्न होता है

एडवेयर पॉपअप विंडो, स्टैटिक बॉक्स, बैनर आदि

के रूप में दिखाई दे सकते हैं कुल मिलाकर एडवेयर उपयोगकर्ता के कंप्यूटर का वितरण करता है

और इंटरनेट ब्राउजर पर अक्सर देखी जाने वाली साइटों पर नजर रखता है

इसके अलावा डिजाइन के प्रदर्शनों को कम कर देता है !

कंप्यूटर वायरस से बचने के उपाय

1. दोस्तों हमें कंप्यूटर वायरस से बचने के लिए लाइसेंस Antivirus सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए

क्योंकि यही सॉफ्टवेयर हमे कंप्यूटर वायरस से बचा सकते हैं

जिससे हमारे कंप्यूटर में क्षति या किसी भी अनवांटेड ईमेल्स का कंप्यूटर में प्रवेश करना नामुमकिन हो जाएगा !

2. कंप्यूटर वायरस से बचाव के लिए हमें अच्छी कंपनी के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करना चाहिए

जो हमें विभिन्न प्रकार के वायरस से मुक्ति दिलाता है !

3. हमें बाहर यूज़ की गई या किसी अन्य कंप्यूटर

में यूज की गई पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क आदि का इस्तेमाल अपने सिस्टम पर नहीं करना चाहिए

अगर हम उस पेन ड्राइव का इस्तेमाल अपने PC पर करेंगे तो उसमे उपस्थित वायरस हमारे कंप्यूटर में प्रवेश कर सकते हैं

अगर हम उस पेनड्राइव को किसी इमरजेंसी स्थिति में यूज करना चाहते हैं

तो हमें पहले उस पेनड्राइव और हार्ड डिस्क को एंटीवायरस के द्वारा स्कैन कर लेना चाहिए

तब जाकर हम उसको सुरक्षित तरीके से यूज करने में सक्षम होंगे !

3. दोस्तों अज्ञात स्त्रोत से आई हुई किसी भी प्रकार की ईमेल,

मैसेजेस या किसी भी प्रकार का कोई भी मल्टीमीडिया डाटा हमें क्लिक नहीं करना है

अगर हम उसको क्लिक करते हैं तो क्लिक करते ही वह हमारे सिस्टम पर एक्टिवेट हो जाएगा

और हमारे विंडोज प्रोग्राम को क्षतिग्रस्त करके हमारे विंडोज को हैंग कर देगा

जहां पर हमारा कीमती डाटा रखा होता है वह वहां पर भी अटैक करेगा

उसके अटैक करने से हमारे DATA को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है

इसलिए आप किसी भी अनवांटेड प्रोग्राम को क्लिक करने से पहले समझदारी से काम ले !

4. हमें इंटरनेट पर कार्य करते समय सचेत रहना चाहिए

कि हम किस वेबसाइट की ब्राउज़िंग कर रहे हैं हमें अपने कंप्यूटर को सेफ मोड

में या अपने ब्राउज़र को सेफ मोड में इस्तेमाल करना चाहिए

तभी जाकर हम विभिन्न प्रकार के स्पाइवेयर/मेलवेयर आदि से बच पाएंगे इसलिए हमारा आपसे निवेदन है

कि आप इंटरनेट पर कार्य करते समय इन सभी बातों का ध्यान अवश्य रखें

धन्यवाद्

 

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May God rest Ratan Tata’s soul.