Monitor क्या हैं और मॉनिटर के प्रकार

Monitor क्या हैं

Monitor को हम एक प्रकार से इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले डिवाइस आउटपुट डिवाइस भी कह सकते हैं ये किसी भी कंप्यूटर का बहुत अहम हिस्सा माना जाता है Monitor को विजुअल डिस्प्ले यूनिट (VDU) भी कहा जाता है दोस्तों LED देखने में बिल्कुल TV की तरह होते हैं मॉनिटर में सॉफ्ट कॉपी को भी देखा जा सकता है CPU की सभी जानकारी मॉनिटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है जिसे CPU और LED के बीच एक VGA केबल के द्वारा कनेक्ट किया जाता है जिसे हम वीडियो CABLE या VGA केबल कहते हैं ! ये CABLE कंप्यूटर के मदरबोर्ड से कनेक्ट होकर Monitor के VGA पोर्ट से कनेक्ट होती है तब जाकर CPU द्वारा भेजी गई तस्वीरों को हम मॉनिटर में देख पाते हैं Monitor के बिना हम किसी भी कंप्यूटर पर कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं और ना ही मॉनिटर के बिना कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकता है मॉनिटर का कंप्यूटर में बहुत बड़ा योगदान होता है !

मॉनिटर और टीवी दोनों एक जैसे दिखाई देते हैं

लेकिन ज के युग में टीवी को भी Monitor की तरह यूज किया जा रहा है

क्योंकि आजकल के TV में कंपनी द्वारा दिए गये VGA PORT होते हैं

इन पोर्जिट के द्वारा VGA CABLES से जोड़कर हम उन टीवी को अपने मॉनिटर से कनेक्ट कर सकते हैं

मॉनिटर से कनेक्ट होने के बाद टीवी हमारे CPU द्वारा दर्शाए जाने वाले

सभी चित्रों को, वीडियो को, और किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट को दिखाने में सफल रहते हैं !

आजकल मॉनिटर में HIGHER DISPLAY RESOLUTION सिस्टम दिया हुआ होता है

यह सुविधा छोटे लेटर और ग्राफिक्स को देखने के लिए Monitor के अंदर दी जाती है

Monitor के अविष्कार की शुरुआत में Monitor कैथोड किरण नली से बनाए जाते थे

और अब इस बदलते युग में लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले से इन मॉनिटर्स की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है

सामान्य तौर पर हम LED का इस्तेमाल आंकड़ों को बनाने मनोरंजन के लिए संसाधन जुटाने के लिए करते हैं

1990 के बाद से कंप्यूटर का उपयोग मनोरंजन के लिए भी किया जाने लगा और कुछ समय बाद ये टेलीविजन के रूप में विकसित हो गया !

Monitor का आविष्कार कब और किसने किया (The Invention of Monitor)

सबसे पहले Cathode Ray Tube Monitor का आविष्कार कार्ल फर्डिनेंड ब्राउन (Karl Ferdinand Braun) के द्वारा 1857 में किया गया था

मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले डिवाइस है मॉनिटर में प्रदर्शन इकाई आवरण होता है

आजकल के मॉनिटर में प्रदर्शन इकाई आमतौर पर पतली फिल्म ट्रांजिस्टर लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले इसको अंग्रेजी में

(Thin Film Transister Liquid Cristal Display) TFT-LCD कहते हैं !

वहीं दूसरी और पुराने मॉनिटर में कैथोड किरण नली (Cathode Ray Tube) से डिस्प्ले बनी होती है

LED के आविष्कार के शुरुआत दिनों में LED कैथोड किरण नली के द्वारा बनाए जाते थे

और अब इस सदी में मॉनिटर लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले के द्वारा बनाए जाते हैं !

लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले के द्वारा बनाए गए Monitor कैथोड टयूब वाले LED से ज्यादा टिकाऊ, देखने में प्राकृतिक,

रंगों का आभास कराते हैं यह मॉनिटर्स आंखों की सेफ्टी के आधार पर बनाए जाते हैं !

Type of Monitor

सामान्यतः ये 5 प्रकार के होते हैं ये इस प्रकार हैं
1. CRT Monitor
2. LCD Monitor
3. TFT Monitor
4. Plasma Monitor
5. LED Monitor

CRT Monitor

दोस्तों सीआरटी का फुल फॉर्म कैथोड रे ट्यूब है होता है

कैथोड रे ट्यूब मॉनिटर में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला आउटपुट डिवाइस है जिसे डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है

कंप्यूटर के शुरुआती दिनों में CRT तकनीक पर आधारित LED ही प्रयोग किए जाते थे

क्योंकि उस समय आज के जैसे Monitor बनाने वाली तकनीक उपलब्ध नहीं थी

इसलिए CRT तकनीक का उपयोग उस समय ज्यादा किया जाता था कैथोड रे ट्यूब से बने ये मॉनिटर भारी भरकम होते थे

इनमें काफी वजन होता था इनका पावर कंजप्शन भी ज्यादा होता था क्योंकि ये बड़े होने के कारण पॉवर बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते थे !

इनमें वास्तव में कांच की वेक्यूम ट्यूब को

लगाया जाता है उस पर इलेक्ट्रॉन गन असेंबली के द्वारा इलेक्ट्रॉन बींम को छोडा जाता हैं

ट्यूब पर जिस तरह ये किरणें बीम से टकराती है उस बीम पर फास्फोरस का लेप‌ लगा होता है ट्यूब से निकली हुई किरणें तीन तरंगों में विभाजित हो जाती है

ये रंग RGB के नाम से जाने जाते हैं यहां पर R का अर्थ है RED, G का अर्थ है

GREEN और B का अर्थ है BLUE मॉनिटर में जितने भी रंग दिखाई देते हैं

वे सभी लाल हरे नीले रंगों के संयुक्त मिश्रण से बने होते हैं धीरे धीरे तकनीक के विस्तार के कारण CRT तकनीक में सुधार होता गया

वहीं अब पिक्चर ट्यूब का प्रचलन बढ़ा है इसमें द्रश्य कर्व की अपेक्षा ज्यादा स्पष्ट दिखाई देते हैं ।

LCD Monitor

एलसीडी एक इलेक्ट्रॉनिक ऑप्टिकल डिवाइस Monitor है जो लिक्विड क्रिस्टल से भरा होता है इसको रंग या मोनोक्रोम में इमेजेस को उत्पन्न करने के लिए एक Reflector के सामने रखा जाता है

LCD का उपयोग कंप्यूटर मॉनिटर, टेलिविजन सहित कई अन्य Appliances को चलाने के लिये किया जाता है !

छोटे एलसीडी स्क्रीन का उपयोग डिजिटल कैमरा, घड़ी, कैलकुलेटर और मोबाइल स्मार्टफोन किड्स प्ले Devices आदि बनाने में किया जाता है

अब तो आप भी जान गए होंगे कि LCD का मतलब क्या होता है और इसको कैसे और कहां यूज़ किया जाता है !

TFT Monitor

टी. एफ. टी. की फुल फॉर्म Thin Film Transister होती है इसको हिंदी में पतली फिल्म वाला ट्रांजिस्टर भी कहा जाता है

TFT एक डिस्प्ले स्क्रीन टेक्नोलॉजी है जो लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले बनाने में उपयोग की जाती है

इस तकनीक का उपयोग टीवी, वीडियो गेम सिस्टम, Monitor, नेविगेशन सिस्टम और अन्य Appliances आदि बनाने के लिए किया जाता है !

इसमें एक फ्लैट स्क्रीन लगी होती है जो बहुत ही कम मात्रा में बिजली का प्रयोग करती हैं

या यूं कहें कि एलसीडी मॉनिटर बिजली बहुत कम ग्रहण करते हैं इस तकनीक में पोलाराइजिंग चित्रों का प्रयोग किया जाता है

ये फिल्टर दो अलग-अलग तरह की प्रकाश किरणे पैदा करते हैं इन कारणों को ऐसी दिशा में Aligne करते हैं

जिससे यह एक निश्चित कौण पर एक दूसरे को पोलाराइजिंग फैक्टर के जरिए परिवर्तित होकर पास हो जाएं

इसी प्रक्रिया में हमें स्क्रीन पर डिस्प्ले दिखाई देने लगती हैं LCD तकनीक में फिल्टर और ज्यादा प्रयोग किया जाता है

इस फ़िल्टर में 3 सेल लगे होते हैं जो लाल हरे और नीले रंग को पैदा करते हैं

जब प्रकाश की तरंगे इन तीनों सेलों से होकर निकलती हैं तो हमें स्क्रीन पर रंगीन डिस्प्ले दिखाई देने लगती है

इस समय दो तरह के LCD Display प्रयोग किए जाते हैं एक को DFB और दूसरे को DVI कहा जाता है

दोनों में DVI डिस्प्ले सबसे श्रेष्ठ माना जाता है इसका पूरा नाम डिजिटल विजुअल इंटरफ़ेस होता है !

PLASMA Monitor

प्लाज्मा टेक्नोलॉजी एक बहुत लेटेस्ट टेक्नोलॉजी होती है
डिस्प्ले डिवाइस की ये तकनीक Tiny Colourd fluorescent Lights को जिससे Image Pixels Create होती है
प्लाज्मा मॉनिटर की स्क्रीन कांच की बनी होती है क्योंकि यह बहुत छोटे-छोटे सेल्स का इस्तेमाल करके बनाई जाती है
इन सेलों में Electrically Charged Iinized Gas भरी होती है
लेकिन सस्ते एलइडी और एलसीडी होने के कारण इन्हें ज्यादा पसंद नहीं किया जाता !
इन प्लाज्मा Monitor की स्क्रीन कांच की बनी होती है इन कांच की स्क्रीन में केमिकल गैसों का मिश्रण भरा होता है
ये बहुत पतली स्क्रीन होने के कारण वजन में हल्की होती है
ये स्क्रीन बिजली का भी बहुत कम इस्तेमाल करती है इस मॉनिटर में लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले तकनीक का प्रयोग किया जाता है !

LED Monitor

आजकल बाजार में कई प्रकार के एलइडी Monitor उपलब्ध है

एलइडी मॉनिटर बनाने के लिए प्राय: फ्लैट पैनल थोड़ा घुमावदार डिस्प्ले जो बैकलाइटिंग के लिए कोल्ड कैथोड फ्लोरोसेंट

CCFL की बजाए बैक-लाइटिंग के लिए लाइट Light Emitting Diodes का उपयोग करते हैं !

यह देखने में बिल्कुल LCD मॉनिटर की तरह होते हैं लेकिन LED 1.5 वाट की पावर इस्तेमाल करती है

और आंखों पर बहुत कम रोशनी डालती है LED मॉनिटर LCD की तुलना में अधिक समय तक कार्य करते हैं

LED को लाइट एमिटिंग डायोड भी कहा जाता है यह एक सेमीकंडक्टर डिवाइस होती है

जो लाइट को एमिटिंग में उत्सर्जित करता है आज के युग में LED एक बहुत महत्वपूर्ण अविष्कार रहा है

इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है

क्योंकि यह आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं देती है और इसका Power Consumption भी बहुत कम होता है !

Monitor के फायदे

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि मॉनिटर के जरिए हम

अपने कंप्यूटर में वीडियोज, इमेजेस या किसी भी तरह के विजुअल एलिमेंट को देख पाते हैं

अतः मॉनिटर खरीदते समय एक सही मॉनिटर का चुनाव करना किसी भी कंप्यूटर यूजर के लिए बेहद जरूरी होता है

हम Monitor को टीवी की तरह भी यूज कर सकते हैं क्योंकि मॉनिटर में एक VGA Port दिया हुआ होता है

जिससे हम टीवी का केबल Monitor से कनेक्ट करके उसको प्ले करते हैं इससे मॉनिटर टीवी की तरह ही चलने लगता है

इसमें हम ध्वनि, डाटा, मेमोरी, आकृतियां और अन्य प्रकार के विजुअल्स को प्रदर्शित कर सकते हैं

कुछ मॉनिटर रंगीन कलर RGB विकिरणों के समायोजन के रूप में आउटपुट को प्रदर्शित कर सकते हैं

RGB सिद्धांत के कारण ऐसे मॉनिटर उच्च Resolution में ग्राफिक को प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं

कंप्यूटर मेमोरी की क्षमता के अनुसार ऐसे Monitor 16 से 20 लाख रंगों की क्षमता तक आउटपुट प्रदर्शित कर सकते हैं

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May God rest Ratan Tata’s soul.